
खेकड़ा-स्थित-जमाईपुरा-कालोनी
RJ NEWS
Pardeep Panchal Baghpat
आमतौर पर लोग अपने माता पिता, बच्चों और सरकार योजना के नाम पर कालोनी का नाम रखते हैं लेकिन कुछ मोहल्ले उनमें हुए वाकयों से मशहूर हो जाते हैं। 37 साल पहले हुए वाकिए से खेकड़ा जिला का एक मोहल्ला आज भी मशहूर है। हालांकि नगर पालिका परिषद खेकड़ा ने इसका नाम बदलने का प्रयास किया लेकिन पालिका अधिकारियों का यह प्रयास विफल रहा। लोग आज भी एक मोहल्ले का जमाईपुरा के नाम से जानते हैं।पुराने जमाने में कुछ स्थानों पर घर जमाई रखने का रिवाज था। इस रिवाज में बेटी घर से विदा तो हाती थी लेकिन बाद में दामाद अपने ससुराल के घर में आकर रहने लगता था। घर में रहने वाले दामाद (जमाई) को घर जमाई कहते थे। बागपत जिले के खेकड़ा में एक साथ आकर रहे चार जमाईयों के कारण इसका नाम ही जमाईपुरा पड़कर रह गया है। (प्रेमपुरी नहीं आज भी ’जमाईपुरा’ के नाम से मशहूर है, खेकड़ा का यह मोहल्ला)
क्या है पूरा मामला
लोग बताते हैं कि खेकड़ा जिला स्थित एक मोहल्ले में 1987 के दौरान चार बेटियों की शादी हुई लेकिन चारों दामाद इसी मोहल्ले में आकर बस गए। उपहास बतौर इस मोहल्ले को जमाईपुरा कहने लगे। धीरे-धीरे इस मोहल्ले का नाम जमाईपुरा पड़ गया। हालांकि कुछ समय पहले नगर पालिका ने वार्ड-13 के इस मोहल्ले का नाम बदलकर प्रेमपुरी कर दिया लेकिन नगर पालिका की यह कवायद लोगों के जुबां से मोहल्ले का नाम नहीं बदल सकी। लोग आज भी इस मोहल्ले को जमाईपुरा के नाम से ही जानते हैं।
प्रेमपुरी के नाम से नहीं बताते पता
लोगों के जहन में मोहल्ले का नाम जमाईपुरा ही अंकित है। यदि बाहरी व्यक्ति यहां पता पूछने के लिए प्रेमपुरी कहता भी है तो लोग उसे रास्ता नहीं बता पाते। जमाईपुरा कहने पर लोग आसानी से व्यक्ति को उसके पूछे स्थान का पता बता देते हैं।